ऐसे ही रूठी तो में खुद से हूँ फिर मुझे कोई और कैसे मनाएगा ऐसे ही रूठी तो में खुद से हूँ फिर मुझे कोई और कैसे मनाएगा
कुछ इस तरह से हमसे रूठी है जिंदगी की लग रहा बस सांसें चल रही कुछ इस तरह से हमसे रूठी है जिंदगी की लग रहा बस सांसें चल रही
छिपे अर्थ को पहचानिए छिपे अर्थ को पहचानिए
पिया के प्रणय की शुरुआत है घूँघट प्रणय जोड़े की नवप्रभात है घूँघट। पिया के प्रणय की शुरुआत है घूँघट प्रणय जोड़े की नवप्रभात है घूँघट।
प्रिया तू तो बिलकुल अकेली पड़ गई तब तेरी बहुत याद आती है मां। प्रिया तू तो बिलकुल अकेली पड़ गई तब तेरी बहुत याद आती है मां।
तू रूठी रूठी सी क्यों है मुझसे ऐ जिंदगी बता मुझे मेरी क्या है खता ऐ जिंदगी तू रूठी रूठी सी क्यों है मुझसे ऐ जिंदगी बता मुझे मेरी क्या है खता ऐ जिंदगी